सुख दुःख की छाँव
सुख दुःख की छाँव अभी तो मेरी शादी ही हुई थी, मैं बड़े आनंदपूर्वक अपने वैवाहिक जीवन को जी रही थी सब कुछ तो ठीक ठाक चल रहा था। जीवन में जब सुख के क्षण होते हैं तो वक़्त को भी पर लग जाते […]
सुख दुःख की छाँव अभी तो मेरी शादी ही हुई थी, मैं बड़े आनंदपूर्वक अपने वैवाहिक जीवन को जी रही थी सब कुछ तो ठीक ठाक चल रहा था। जीवन में जब सुख के क्षण होते हैं तो वक़्त को भी पर लग जाते […]